इटावा। जिले के डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जिला संयुक्त चिकित्सालय में कोविड वार्ड मे आउटसोर्सिंग पर तैनात एक महिला नर्स कई डॉक्टर, वार्डबॉय, मरीजों के तीमारदारों को वीडियो कॉल करके हनीट्रेप में फंसा कर उन्हें ब्लैकमेल कर मोटी रकम वसूल रही है।
सूत्र बताते हैं कि महिला की इटावा के दो अस्पतालों में हिस्सेदारी भी है प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक व इटावा के मुख्य चिकित्सा अधिकारी गीताराम से शिकायत करने के बाद भी महिला के विरुद्ध अब तक कोई जांच नहीं हुई। महिला के इस ब्लैकमेलिंग के धंधे एक फार्मासिस्ट तीन वॉर्डबॉय, एक बाबू भी संलिप्त हैं। जो शिकार को फँसने के बाद उनसे पैसे बसूलते है।
गोपनीय सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार इटावा के भीमराव अंबेडकर संयुक्त चिकित्सालय में कोविड वार्ड में आउटसोर्सिंग पर तैनात महिला नर्स जो कोविड-19 योजना के तहत भर्ती हुई थी। गोपनीय जानकारी मिली है कि इसके दस्तावेज का न पुलिस वेरिफिकेशन हुआ है ना ही प्रमाण पत्रों की जांच की गई।
इसके अलावा अन्य जितने भी कर्मचारियों की आउटसोर्सिंग पर नियुक्ति की गयी है किसी का पुलिस वेरिफिकेशन नही हुई न कोई जांच हुई। उक्त महिला कर्मी अपने काम पर ध्यान न देकर डॉक्टरों से सेटिंग करके मरीजों से अवैध वसूली करती है। प्रियंका कई अन्य अस्पताल में सेटिंग करके कई ज़िला अस्पताल के सरकारी डॉक्टर को विभिन्न प्राइवेट अस्पतालों में ले जाकर काम करवाती है और मोटा कमीशन बसूल करती है। जब कि प्राइवेट प्रेक्टिस पर रोक है।
चिकित्सालय परिसर में अवैध रूप से कब्जा करके रहने बाला एक व्यक्ति उक्त महिला के हर कृत्य में शामिल है। और अवैध रूप से अस्पताल में कार्यशाला पर कब्जा करके रहता है। महिला ने हनीट्रैप का शिकार बनाकर कई करोड़ रुपये की चल अचल संपत्ति अर्जित की है। इटावा भर्थना चौराहे व बसरेहर रोड पर संचालित प्राईवेट हॉस्पिटल में इसकी साझेदारी है।
महिला नर्स पहले साजिश करके अधिकारियों कर्मचारियों से दोस्ती करती हैं। बाद में उन्हें अश्लील तरीके से वीडियो कॉल करके रिकॉर्ड कर लेती है इसकी साजिश व हनीट्रैप के शिकार और फिर शुरू होता है ब्लैकमैलिंग का खेल। कई डॉक्टर व अन्य अधिकारी मरीज के तीमारदार, वॉर्डबॉय व कर्मचारी है।
कई अधिकारियों व कर्मियों से ब्लैकमेल करके महिला ने करोड़ों की संम्पति अर्जित की है। और इनका हनीट्रैप का खेल ब्लैकमेलिंग बसूली का धंधा अभी भी जारी है। सामाजिक बुराई व बदनामी के डर से कोई खुलकर सामने नही आना चाहता, कई लोगो के पास इसकी वीडियो कॉल व चैट सुरक्षित रखी है। कई अनुसूचित जाति डॉक्टर व वॉर्डबॉय व अन्य कर्मियों को इसने अपने जाल में फँसा रखा है।
उच्चअधिकारियों को भेजे पत्र में शिकायकर्ता ने बताया कि 12 जुलाई को सीएमओ इटावा से मिलकर पत्र देकर शिकायत की गई थी। सीएमओ को अवगत कराया गया था कि उक्त महिला की बजह से कई परिवार टूटने की कगार पर है तो सीएमओ ने कार्यवाही का आश्वासन दिया था।
लेकिन 10 दिन बीत जाने के बाबजूद कोई जांच व कार्रवाही नही हुई। शिकायतकर्ता ने बताया कि महिला व उसके सहयोगी वॉर्डबॉय बाबू फार्मासिस्ट कई सिम कार्ड का इस्तेमाल करते है और पूरा गिरोह बनाकर कार्य कर रहे है अगर इस पर अंकुश नही लगाया गया तो दर्जनों परिवार टूट सकते है।
इस सभी के व्हाट्सएप्प व कॉल की डिटेल्स निकलाकर सर्विलांस सेल से जांच कराई जाए ताकि सच सामने आ सके।