जसवंतनगर/इटावा। नारी शक्ति है वह सब कुछ कर सकती है। बेटियों को सबल बनाएं ताकि वे अपराध न सहें और न ही किसी के साथ अपराध होने दें। न्याय से कोई व्यक्ति वंचित न रहे। न्याय आपके दरवाजे तक पहुंचेगा।
यह बातें यहां अपर जिला जज एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव श्वेता श्रीवास्तव में कहीं। वे यहां राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान एवं राष्ट्रीय महिला आयोग के सहयोग से राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण लखनऊ के दिशा निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा आयोजित महिलाओं के हित एवं संरक्षण कानून संबंधी साक्षरता एवं जागरूकता शिविर को संबोधित कर रहीं थीं। ब्लॉक सभागार में आयोजित उक्त कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि महिला कानूनों का दुरुपयोग नहीं होना चाहिए। पर्याप्त कारणों के आधार पर महिलाएं भरण-पोषण की हकदार होती हैं। कार्यस्थल पर महिलाओं का उत्पीड़न नहीं हो इसके लिए कार्यालय स्तर पर समितियों का गठन किया गया है। कोई भी व्यक्ति किसी महिला को अश्लील इशारे करे या घूरे या फिर दुर्व्यवहार करे तो इसे कतई बर्दाश्त न किया जाए। महिलाएं तत्काल इसकी शिकायत दर्ज कराएं। उन्होंने महिलाओं से यह भी कहा कि वे जैसे बेटे को प्यार दुलार करते हैं वैसे ही बहू को भी सम्मान दें। भ्रूण व दहेज हत्याओं को रोकने का प्रयास करें।
श्रीमती श्रीवास्तव ने यह भी कहा कि कन्या भ्रूण हत्या गैर कानूनी है इसमें पहली बार दोषी साबित होने पर 3 साल की कैद व ₹50 हजार का जुर्माना व दूसरी बार दोषी साबित होने पर 5 साल की कैद व ₹1 लाख तक का जुर्माना सुनिश्चित है। उन्होंने कहा कि यहां स्थानीय स्तर पर दो लीगल एड क्लीनिक संचालित किए जा रहे हैं जिनमें एक ब्लॉक मुख्यालय व दूसरा तहसील मुख्यालय पर जहां कोई भी पीड़ित नि: शुल्क कानूनी मदद ले सकता है।
नायब तहसीलदार अवनीश कुमार सिंह ने कहा कि महिलाओं को सशक्त व जागरूक होना होगा तभी वे अन्याय व अत्याचार का विरोध कर सकती हैं। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी मदद के लिए आईपीसी व सीआरपीसी की विभिन्न धाराओं के अंतर्गत कानूनी प्रावधान हैं। वरिष्ठ अधिवक्ता सुषमा रानी ने लड़कियों के विवाह की उम्र व हिंदू विवाह अधिनियम, विशेष विवाह एवं तलाक प्रक्रिया पर प्रकाश डाला। अधिवक्ता संध्या कुशवाहा ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में शिकायतें दर्ज कराने की प्रक्रिया व पीड़ित की मदद कैसे होती है इसकी प्रक्रिया समझाई। विधि छात्र नफीस ने कहा कि महिलाओं के साथ भेदभाव नहीं होना चाहिए। महिलाएं शारीरिक या मानसिक अथवा भावनात्मक शोषण भी बर्दाश्त न करें। महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. यश्मिता सिंह ने सर्वाइकल कैंसर के रोग लक्षण व बचाव एवं उपचार बताए।
सामाजिक कार्यकर्ता प्रेम कुमार शाक्य ने कहा कि विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से पीड़ितों शोषित और वंचितों को न्याय तक पहुंच बेहद आसान हुई है। प्राधिकरण के माध्यम से गरीबों व महिलाओं को आवेदन के जरिए अधिवक्ताओं की सेवाएं भी नि: शुल्क मिल जाती हैं। महिला थाने से उपनिरीक्षक आकांक्षा सिंह ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम का संचालन राम सुंदर दुबे ने किया। कार्यक्रम के दौरान महिलाओं को विधिक जागरूकता संबंधित किटें भी प्रदान की गईं।
कार्यक्रम के आयोजन में पीएलवी ऋषभ पाठक, लालमन बाथम, राजेंद्र यादव, रवि यादव, बृजेश यादव, नीरज शाक्य, अंजू यादव का सहयोग रहा। अधिवक्ता देवेंद्र मिश्रा, विनीत मिश्रा, गजेंद्र वर्मा, पीएलवी अश्वनी त्रिपाठी, राजेंद्र बाबू त्रिपाठी के अलावा विधिक सेवा प्राधिकरण कार्यालय से रोहित कुमार, जयवेन्द्र, कुशाल व आदेश तथा मिशन शक्ति मोबाइल से कांस्टेबल शोभा त्रिपाठी, वंदना शर्मा, राधा भारद्वाज, तृप्ति सिंह आदि मौजूद रहे। भारी संख्या में महिलाएं शामिल रहीं।